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@5 Motivational quotes in hindi | Motivationalstatus photo.

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 मृत्यु को देखकर भी जो आगे की तरफ चल देते है, ऐसे  वीर योध्दा ग्रह- नक्षत्रों  की चाल तक बदल देते है।  Thought can change.......  @ dailymotivationplus #thoughtrevolution Continue to read more..........

Deepawali 2020: महापर्व का शुभ मुहूर्त और आश्चर्यचकित करने वाली मान्यताएं ।

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 दीपावली पर्व भारतीय त्योहारों में विशिष्ठ स्थान रखता है।  इस दिन लोग अपने-अपने घरों में  सुख - समृद्धि की कामना  करते हैं। इस त्योहार के दिन महालक्ष्मी की पूजा की जाती  है। एवं लोग पहले से ही घर - द्वारों की सफाई करते हैं,  उन्हें सजाते हैं, मिठाई - पकवान बनाते हैं ,आतिशबाजी  करते हैं और रात्रि के समय उनकी आराधना करते हैं,लेकिन   इस दिन महालक्ष्मी के साथ विघ्नहर्ता गणेश और  विद्या- कला कि देवी मां सरस्वती की भी पूजा की जाती है।इसके  पीछे  कारण यह है कि हमारे पास जो धन - संपदा, विवेक - बुद्धि है उसका हम गलत उपयोग न करें।और अपने जीवन को कलात्मक ढंग से जीए । हमारी भारतीय संस्कृति में त्योहारों कि संरचना इस प्रकार की गई है कि इन पर्वों की आराधना, उपासना व अर्चना में आधिभौतिक, आध्यात्मिक और आधिदैविक रूपों का समन्वित व्यवहार होता है। इस मान्यता के अनुसार इस उत्सव में  भी  सोने , चांदी के सिक्के या बरतनों आदि के रूप में आधिभौतिक लक्ष्मी का आधिदैविक लक्ष्मी से संबंध स्वीकार करके पूजन किया जाता है। घरों को जलते हुए दियों से सजाने का कार्य माता लक्ष्मी के आध्यात्मिक स्वरूप। की शोभा को आविर्भूत

पिताजी आज मेरी टकर ही करवा देते।

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पिताजी अपने बच्चे को रोज साइकिल से स्कूल लेे जाते   और लेकर आते।  बहुत कहने पर भी बच्चे ने साइकिल  चलाना नहीं सीखा।  एक दिन उसके पिता जी ने उसे सीट पर  बिठाया और कहा - चिंता मत करना बेटा मैं पीछे से पकड़ा हुआ हूं। बस तुम पैडल मरते रहो । इतना कह कर पिताजी ने बच्चे को पैडल मरते देख कर पिता जी ने धीरे से हाथ खींच लिए।  बच्चा लड़खड़ाया ,पर साइकिल चलाना सीख गया । घर पहुंच कर उसने अपनी मां से शिकायत कि_ माँ ! आज तो पिताजी मेरी टकर ही करवा देते। मैं खुद साइकिल चला कर घर लौटा हूं।   माँ हंसी और बोली_ बेटा !  प्रयास करने से ही कार्य में दक्षता और प्रखरता आती है। प्रकृति का यही नियम है,जो अपनी सहायता खुद नहीं करते , उनकी सहायता कोई नहीं कर पाता।

धनतेरस क्यों और कैसे मनाये ?

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मित्रों अगर बात धनतेरस कि करे तो दीपावली की शुरु आत धनतेरस से ही आरंभ हो जाती है।                            Actually, धनतेरस, नरक चतुर्दशी ( रूप चतुर्दशी ) और महालक्ष्मी की  पूजा - ये तीनों पर्वों का मिश्रण है दीपावली। दीपावली की   शुरुआत धनतेरस के अगले दिन नरक चतुर्दशी या छोटी दीपावली होती है। लोग धनतेरस से ही अपने घरों  के द्वारों पर दीप जलाना शुरू कर देते हैं और इसे देवप्रबोधिनी एकादशी तक जलाते हैं। पुराने कथनों के अनुसार धनतेरस के दिन बरतनों को या किसी भी धातु को खरीदना शुभ माना जाता है और यही सब से बड़ा कारण है कि धनतेरस के दिन बरतनों की दुकानों में बहुत भीड़ रहती है। बरतन खरीद कर लोग उसकी पूजा करते हैं और धनतेरस का पर्व मनाते हैं।कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन ही धन्वंतरि भगवान का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन को 'धनतेरस' के नाम से जाना जाता है। धन्वंतरि भगवान को आयुर्वेद का संपूर्ण ज्ञान था।और ये सभी औषधियों के ज्ञाता हैं। अतः इन से स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रार्थना की जाती है। धनतेरस के अगले दिन (नरक चतुर्दशी ) होती है।इस दिन सूर्योदय के पूर्व स्नान करना बह