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Deepawali 2020: महापर्व का शुभ मुहूर्त और आश्चर्यचकित करने वाली मान्यताएं ।


 दीपावली पर्व भारतीय त्योहारों में विशिष्ठ स्थान रखता है।

 इस दिन लोग अपने-अपने घरों में  सुख - समृद्धि की कामना

 करते हैं। इस त्योहार के दिन महालक्ष्मी की पूजा की जाती 

है। एवं लोग पहले से ही घर - द्वारों की सफाई करते हैं, 

उन्हें सजाते हैं, मिठाई - पकवान बनाते हैं ,आतिशबाजी 

करते हैं और रात्रि के समय उनकी आराधना करते हैं,लेकिन

  इस दिन महालक्ष्मी के साथ विघ्नहर्ता गणेश और

 विद्या- कला कि देवी मां सरस्वती की भी पूजा की जाती है।इसके 
पीछे  कारण यह है कि हमारे पास जो धन - संपदा, विवेक - बुद्धि है उसका हम गलत उपयोग न करें।और अपने जीवन को कलात्मक ढंग से जीए ।

हमारी भारतीय संस्कृति में त्योहारों कि संरचना इस प्रकार की गई है कि इन पर्वों की आराधना, उपासना व अर्चना में आधिभौतिक, आध्यात्मिक और आधिदैविक रूपों का समन्वित व्यवहार होता है। इस मान्यता के अनुसार इस उत्सव में  भी  सोने , चांदी के सिक्के या बरतनों आदि के रूप में आधिभौतिक लक्ष्मी का आधिदैविक लक्ष्मी से संबंध स्वीकार करके पूजन किया जाता है। घरों को जलते हुए दियों से सजाने का कार्य माता लक्ष्मी के आध्यात्मिक स्वरूप। की शोभा को आविर्भूत करने के लिए है। इस प्रकार से इस उत्सव में माता लक्ष्मी की  उपासना हो जाती है।


ब्रह्मपुराण के अनुसार - कार्तिक अमावस्या की इस अंधेरी 

रात अर्थात अर्द्धरात्रि में महालक्षमी स्वयं। 

भूलोक पर आती हैं और प्रत्येक सद्गृहस्थ के घर में विचरण करती हैं।

 जो घर हर प्रकार से स्वच्छ, शुद्ध और सुंदर तरीके से सु

एवं प्रकाशयुक्त होता है , वहां  अंश रूप में ठहर जाती हैं 

और गंदे स्थानों की तरफ वह देखती भी नहीं। इसलिए इस

 दिन घर - बाहर को खूब साफ - सुथरे ढंग से सुसज्जित कर 

 संवारा जाता है। दीपावली का पर्व विधि- विधान से मनाने 

पर लक्ष्मी माता प्रसन्न होकर स्थायी रूप से सद्गृहस्थों के घर 

निवास करती हैं।


दीपावली 2020 : शुभ मुहूर्त

दीपावली 2020 : पूजा मुहूर्त 14 नवम्बर सायं 

(शाम )5:30 PM से 7:25 PM तक  है। 

 लेकिन पूजा का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त 14 नवम्बर सायं 

(शाम)5:49 PM से 6:02 PM बजे तक है। 

 इस समय महालक्ष्मी व धन्वंतरि भगवान का पूजन करना

  अधिक  मंगलकारी होगा। जिससे घरों में धन्य - धान एवं 

सुख स्पन्नता कि वृद्धि होगी।

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